tag:blogger.com,1999:blog-3465295734008314802.post5087826626082710202..comments2023-09-21T12:07:11.953-04:00Comments on MEENA CHOPRA: क्या था वह?Meena C hoprahttp://www.blogger.com/profile/05994174304843611997noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3465295734008314802.post-91801922986372730762011-05-22T07:21:17.084-04:002011-05-22T07:21:17.084-04:00आदरणीया मीना चौपड़ा जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
...<b><i>आदरणीया मीना चौपड़ा जी </i></b> <br />सादर सस्नेहाभिवादन !<br /> <br /><b> </b> शायद पहली बार पहुंचा हूं आपके यहां , अच्छा लगा । <br /><br />प्रस्तुत रचना प्रभावशाली है - <br /><b> क्या था वह ?<br /> शायद कोई अनुनाद …<br /> जिसे तुम छू भर कर निकल गए<br /> और मैं देख भी न पाई ।<br /> कोलाहल की धूल से भरी<br /> इन आंखों में<br /> केवल थी तो कालिख ही …<br /> </b> <br /><b> </b> बहुत ख़ूब ! <br /><br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! <br /></a></b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3465295734008314802.post-7916618748004181482011-05-18T13:23:54.677-04:002011-05-18T13:23:54.677-04:00शायद एक शुरूआत के छोर पर
खड़े होकर हम
दूर कि...शायद एक शुरूआत के छोर पर <br />खड़े होकर हम<br /> दूर किसी अंत को समेटते हुए<br /> फिर एक बार <br /> एक नई आस के करीब<br /> बना रहे थे <br />एक नया सा नसीब।wah.kitna sunder likhi hain aap.mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.com