VISUAL ARTS, POETRY, COMMUNITY ARTS, MEDIA & ADVERTISING
"My art is my search for the moments beyond the ones of self knowledge. It is the rhythmic fantasy; a restless streak which looks for its own fulfillment! A stillness that moves within! An intense search for my origin and ultimate identity". - Meena
Waqt kee siyahee main
Tumharee roshanee ko bharkar
Samay kee nok per rakkhe
shabdon kaa kagaz per
Kadam kadam chalanaa
ek naiye wajood ko
meri kokh mein rakhkar
Mahir hai kitna
Is kalam kaa
Meri ungaliyon se milkar
Tumhaare saath-saath
Yun sulag sulag chalana
वक्त की सियाही में
तुम्हारी रोशनी को भरकर
समय की नोक पर रक्खे
शब्दों का कागज़ पर
कदम-कदम चलना।
एक नए वज़ूद को
मेरी कोख में रखकर
माहिर है कितना
इस कलम का
मेरी उँगलियों से मिलकर
तुम्हारे साथ-साथ
यूँ सुलग सुलग चलना
- मीना चोपड़ा
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